20141014

मंगला-मंगली का चक्कर क्या है ?

गुण मिलान टेबल के साथ साथ मंगला मंगली के सिद्धांत भी गलत। 

परम्परागत ज्योतिष कहता है – लग्न ,व्यय ,चतुर्थ ,सप्तम और अष्टम भाव मे मंगल के स्थित होने से सप्तम भाव के सुख मे कमी होती है .लडका मंगला और लडकी मंगली कहलाती है .सप्तम भाव के सुख को नष्ट करता है ,इसी को बढाकर किसी ने लिख दिया ,पति की कुण्डली मे हो तो वह पत्नी को तथा पत्नी की कुण्डली मे हो तो पति का विनाश करता है . सम्भावना की दृष्टि से इसे परखें .कुल बारह भाव होते हैं तथा 5 भावों मे मंगल के रहने से यह दोष आता है .अगर ऐसी ही बात है तो 5/12 अर्थात 41.6 % जनसंख्या मांगलिक योग के अंतर्गत आये या 125 करोड आबादी वाले भारत देश मे कम से कम 52 करोड 8 लाख 33 हज़ार लडके –लडकियां मांगलिक के अंतर्गत हैं .अब आप स्वयं न्याय करें कि मांगलिक दोष को कहां तक मानना चाहिये .
एक बात और ,शादी विवाह मे मंगल के दोष को ही क्यों अहमियत दी जाती है ? इसलिये कि दाम्पत्य जीवन का प्रारम्भिक और मुख्य भाग भोग विलास का काल ,युवावस्था का काल होता है .मेरी गत्यात्मक दशा पद्धति के अनुसार मंगल का काल 24 वर्ष की उम्र से 36 वर्ष की उम्र तक होता है .मतलब मंगल को जो भी अच्छा या बुरा फल देना है ,उसका अधिकांश भाग इसी अवधि मे दे देता है .परम्परागत ज्योतिष की किसी पुस्तक मे यह भी पाया कि मंगल के दोष को 30 वर्ष अकी उम्र के बाद नही देखा जाना चाहिये .मेरे अनुसार ,मंगल की सबसे बुरी स्थिति मे भी किसी भी हालत मे 36 वर्ष के बाद मंगल दोष को मान्यता नही देनी चाहिये क्योंकि उसका काल बीत चूका होता है .बीता हुआ कल फिर लौटकर नही आता .
नरेन्द्र मोदी जी बचपन मे ट्रेन मे चाय बेचते थे ,आज भारत के प्रधानमंत्री क्यों हैं ? सद्दाम हुसैन छ: वर्ष की उम्र मे गधे पर से गिरकर अपने दोनो हाथ तुडवा लिये थे ,फिर वे इराक के सेनाध्यक्ष और प्रभावशाली राष्ट्रपति कैसे बने ? चाय बिकवानेवाला या गधे से गिरानेवाला कोई और ग्रह था ,पुन: प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनानेवाला कोई दूसरा ग्रह था .आप यह भी देखते होंगे कि किसी पति-पत्नी का 24 से 36 वर्ष की उम्र के बीच कुछ खटपट चलता रहा, बाद में दोनों के सम्बंध मधुर हो गये, सब ठीक ठाक हो गया .मंगल को दाम्पत्य जीवन मे बुरा इसलिये कहा जाता है कि यह कमांडिंग एवं इगोइस्ट होता है ,जबकि दाम्पत्य जीवन प्रेम ,सौहार्द ,समर्पण और अभिन्नता का प्रतीक है लेकिन मंगल का प्रभाव 36 वर्ष अमे बिल्कुल समाप्त हो जाता है ,अत: 36 वर्ष की उम्र के बाद जिनकी शादी की बात चल रही हो ,वहां मंगल दोष को दृष्टि मे रखा जाना सरासर गलत है .अगर मंगल का दोष 36 वर्ष की उम्र तक आकर समाप्त नही हो जाता तो राष्ट्रपति बनने के लिये अनिवार्य शर्त 35 वर्ष की उम्र का होना नही रखा जाता .
अंतिम बात ,मंगल के काल के बाद दैत्य गुरु शुक्र का काल आता है .यह जोश और कडाई के बदले कूटनीति और युक्ति से काम लेता है .शुक्र ग्रह थोडा भी परिमार्जित हुआ तो संजीवनी विद्या का जानकार प्रेम ,सौहार्द और समर्पण के रसाधार से सामनेवाले को मोहित करता है .सम्पूर्ण वातावरण को सुखमय बनाता है .अत: मंगल के बाद शुक्र की गति स्थिति ठीक हो तो मंगल पर बिल्कुल ध्यान नही दें . वास्तव मे ,मंगला-मंगली न होने के बावजूद मैने अन्य योगों के कारण अधिक से अधिक दम्पति को दुखी देखा है ,उन योगों की जानकारी ज्यादा जरूरी है .आवश्यकता हुई तो फिर कभी इसकी चर्चा करूंगा ..
gun

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